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सदका-ए-फितर Sadaqa Al-Fitr

  सदका - ए  - फितर  की मिक़दार, सदका - ए  - फितर की  अहमियत Sadaqa Al-Fitr ki miqdar  Sadaqa Al-Fitr ki ahemiyat  सदका - ए  - फितर का अर्थ इस्लामिक महीने रमजान के समाप्त होने से कुछ दिनों पहले दिया जाने वाला दान |   सदका - ए  - फितर  की अहमियत   सदका - ए  - फितर  की अहमियत इस क़दर ज्यादा  हैं के  रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम  का  फरमान हैं के ईद उल फ़ित्र से पहले पैदा होने वाले   एक दिन के बच्चे का फ़ितराना अदा  करना भी  लाजिम हैं  हज़रत अब्दुल्लाह इबने अब्बास   "رضي الله عنهم" से रिवायत है की  रसूलुल्लाह स ल्लाहु अलैहि वसल्लमने     सदका - ए  - फितर को जरुरी करार दिया जो रोजेदारों के लिए लगव (बकवास ) और बेहयाई की की बातों से पाकीज़गी का जरिया है और मिसकीनों (poor) के लिए खाने का इंतिज़ाम है   ये हदीस से  सदका - ए  - फितर    को  अदा करने से  दो  फ़ायदे हासिल होंगें  ...

tablig jamat

     kya he tabligi jamat  aur kese karti he  kam

nizamuddin
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tabligi jamat yani muslamano ka ek esa samuh jo dharam prachar ke liye khas ho. jisme har tarah log hote he.
suruaat
1926/1927 me iski suruat huee jiska main center dehli markaj he aur iski suruat mewat se huee thi.
                                            

wajah

1927 british hukumat me jab musalman christian missionary ke prbhav me aakar muslim apne dharam ko tyag ne lage the aur iska asar mewat me jyada tha.iss ko dekh kar moli. mo. ilyas ko bahot dukh hua aur unho ne apne logo ko sahi rasta aur islam ka sahi  siksha dena chahi. aur yahi se tabligi ki jamat ki suruat huee.


      kya karti he ye jamat


jamat ka sidha matlab hota he ek samuh. tabligi jamat ke sambandh se bat kare to vo log jo dino ke liye apne aap ko iss kam ke liye samarpit karte he. jo apne gar aur sahar se dur jakar islam ki siksha ka prachar aur parasar karte he.aur apne sath logo ko jodne ka aagrah karte he. aur khud bhi apneaap me allah aur nabi ke tariko ko apni jindagi me lane ki kosis karte he.

     activities 

isme khas tor pe 6 batoki siksha di jati he

  1.  iman        yani  allah pe yakin 
  2.  namaz      namz padhna jo ke islam ka ek jaruri amal he
  3.  ilam jikra siksha prapat karna allah ka dhyaan karna
  4.  ikram        harek insan ka samman karna
  5.  ikhlas e niyat    apne dil ko har buraee se saf karna, har kam me  dill ko saf rakhna.
  6.  tablig         apne time aur apne maal [paise] ko islam ke liye  kharch karna.

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