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Showing posts from April 19, 2020

सदका-ए-फितर Sadaqa Al-Fitr

  सदका - ए  - फितर  की मिक़दार, सदका - ए  - फितर की  अहमियत Sadaqa Al-Fitr ki miqdar  Sadaqa Al-Fitr ki ahemiyat  सदका - ए  - फितर का अर्थ इस्लामिक महीने रमजान के समाप्त होने से कुछ दिनों पहले दिया जाने वाला दान |   सदका - ए  - फितर  की अहमियत   सदका - ए  - फितर  की अहमियत इस क़दर ज्यादा  हैं के  रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम  का  फरमान हैं के ईद उल फ़ित्र से पहले पैदा होने वाले   एक दिन के बच्चे का फ़ितराना अदा  करना भी  लाजिम हैं  हज़रत अब्दुल्लाह इबने अब्बास   "رضي الله عنهم" से रिवायत है की  रसूलुल्लाह स ल्लाहु अलैहि वसल्लमने     सदका - ए  - फितर को जरुरी करार दिया जो रोजेदारों के लिए लगव (बकवास ) और बेहयाई की की बातों से पाकीज़गी का जरिया है और मिसकीनों (poor) के लिए खाने का इंतिज़ाम है   ये हदीस से  सदका - ए  - फितर    को  अदा करने से  दो  फ़ायदे हासिल होंगें  ...

SABE QADAR

       शब-ए-कदर क्या है ? शब-ए-क़दर कब है(निशानी), शब-ए-क़दर की फ़ज़ीलत, शब-ए-क़दर के आमाल, शब-ए-क़दर की दुआ, शब्-ए-क़दर की वजह, क़ुरआन में शब्-ए-क़दर।     शब-ए-कदर     एक इस्लामिक त्यौहार है . Shabe Qadar     इस्लाम में रमजान  मुबारक के तीसरे अशरे की  21,  23, 25, 27  और 29  वीं शब {रात } में  शबे -ए -केद्र  की  रात को  खोजने का आदेश दिया  जाता है लेकिन 27 की रात को सर्वोच्च  माना जाता है जिस को इबादत की रात से जाना जाता हैं.   इ स रात में पवित्र क़ुरान को  लोह-इ-मेहफ़ूज़ {संरक्षित प्लेट }से फरिश्ता {एंजेल } के द्वारा  अल्लाह के पैंगबर  मोहम्मद  ﷺ पे    उतारा गया. इस रात में मुसलमान सूर्यास्त से सूर्योदय तक अल्लाह की इबादत करते हैं ,नमाज़ पढ़ते हैं ,क़ुरान की तिलावत ( पाठन )करते हैं और अपने गुनाहों (पाप) के लिए अल्लाह से क्षमा मांगते हैं. शब ए क़द्र  की निशान...