सदका - ए - फितर की मिक़दार, सदका - ए - फितर की अहमियत Sadaqa Al-Fitr ki miqdar Sadaqa Al-Fitr ki ahemiyat सदका - ए - फितर का अर्थ इस्लामिक महीने रमजान के समाप्त होने से कुछ दिनों पहले दिया जाने वाला दान | सदका - ए - फितर की अहमियत सदका - ए - फितर की अहमियत इस क़दर ज्यादा हैं के रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान हैं के ईद उल फ़ित्र से पहले पैदा होने वाले एक दिन के बच्चे का फ़ितराना अदा करना भी लाजिम हैं हज़रत अब्दुल्लाह इबने अब्बास "رضي الله عنهم" से रिवायत है की रसूलुल्लाह स ल्लाहु अलैहि वसल्लमने सदका - ए - फितर को जरुरी करार दिया जो रोजेदारों के लिए लगव (बकवास ) और बेहयाई की की बातों से पाकीज़गी का जरिया है और मिसकीनों (poor) के लिए खाने का इंतिज़ाम है ये हदीस से सदका - ए - फितर को अदा करने से दो फ़ायदे हासिल होंगें ...
salatul tasbih ki namaz , salatul tasbih ka tarika, salatul ki fazilt सलातुत तस्बीहकी नमाज़ ,सलातुत तस्बीह का तरीका , सलातुत तस्बीह की फज़ीलत सलातुत तस्बीह एक नफ़्ल नमाज़ हे जो बन्दे को अपने रब से करीब करती हे और ये एक ऐसी नमाज़ हे जिस की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम नेअपने उम्मतियों को हिदायत दी के अपने जिंदगी में एक बार इस नमाज़ को जरुर पढ़े | सालतुत तसबीह को तसबीह की नमाज़ से जाना हैं | तसबीह का यहां अर्थ हैं "سبحان الله والحمد لله ولا إله الا الله والله اكب ر " सलातुत तस्बीह की फज़ीलत हज़रत अब्दुल्लाह इबने अब्बास "رضي الله عنهم" से रिवायत है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लमने हज़रत अब्बास "رضي الله عنهم" से फ़रमाया : "मेरे चचा !क्या में आपको एक अतिया ( gift ) न करु ?क्या एक हदिया न दूँ ?क्या एक तोहफा पेश न करूँ ?क्या में आपको एक ऐसा अमल न बताऊँ की जब आप इसको करेंगे तो आपको दस (10) ...